Assam's Moidams included in UNESCO World Heritage List
27 Jul 2024 19:10 PM | Me Admin | 120
असम का मोइदम्स यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल
असम के अहोम वंश के सदस्यों को मृत्यु पश्चात उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा ढांचे में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स‘ (Moidams) को 26 जुलाई 2024 को यूनेस्को की विश्व धरोधर सूची में शामिल करने का फैसला किया गया हैं। ये अहोम राजवंश की शाश्वत पद्धति के प्रमाण हैं। इसी के साथ ‘मोइदम्स‘ (Moidams) इस सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली संस्कृतिक सम्पत्ति बन गई।
यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विरासत स्थलों के संख्या के मामले में भारत छठे स्थान पर हैं। ये विरासत स्थल मानव सभ्यता में भारत के योगदान के जीवंत प्रतीक हैं।
मोइदम्स (Moidams) का इतिहास 600 साल पुराना हैं और यह असम से जुड़ा हैं। मोइदम्स (Moidams ) का उपयोग ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। इसकी स्थापना ‘चाओ-लुंग सिउ-का-फा‘ ने वर्ष 1253 ई0 में की थी। इस मोइदम्स के भीतर 90 संरचनाएं हैं जो ऊंची भूमि पर स्थित हैं। इसका क्षेत्रफल 95.02 हेक्टेयर हैं और इसका बफर ज़ोन 754.511 हेक्टेयर हैं। इन्हें ईट, पत्थर या मिट्टी से खोखले टीले जैसा बनाया जाता था। मोइदम्स में गुंबददार कक्ष (चाव-चाली) होते हैं, जो अक्सर दो मंजिला होते हैं। प्रवेश के लिए धनुषाकार मार्ग होता हैं। अर्धगोलाकार मिट्टी के टीलों के ऊपर ईटों और मिट्टी की परतें बिछी हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स‘ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘‘यह भारत के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात हैं।...............‘‘
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